लोगों को मैंने कई बार रेडिएशन (radiation poisoning in hindi) के खतरों के बारे में (effects of radiation) बोलते हुए देखा है। परंतु एक बात पर मैंने गौर किया हैं की, उन सब लोगों में से ज़्यादातर लोगों को सिर्फ और सिर्फ रेडिएशन (radiation) हानिकारक होता हैं बस ये पता होता हैं। रेडिएशन क्या हैं (what is radiation)? रेडिएशन का इंसानी शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है (effects of radiation on the body)? आखिर क्यों रेडिएशन को इतना खतरनाक माना जाता है (why is radiation dangerous)? ऐसे ही कई सारे सवालों के बारे में किसी को कुछ पता ही नहीं है।
तो, मेरे प्यारे दोस्तों आज हम इसी रेडिएशन के बारे में कई सारे रोचक बातों को जानेंगे तथा इससे जुड़ी हर एक सवालों के जवाबों को भी ढूँढने का प्रयास करेंगे। तो चलिये इस लेख के आगे बढ़ कर इस रेडिएशन की तथ्यों को संक्षिप्त में विश्लेषित करते है।
रेडिएशन क्या है? – What Is Radiation In Hindi? :-
सबसे पहले रेडिएशन क्या हैं (what is radiation in hindi) इसको जान लेते हैं। बहुत ही सरल भाषा में कहूँ तो “रेडिएशन/विकिरण ऊर्जा का वातावरण में फैलाव हैं”। यानी जिस ढंग से ऊर्जा वातावरण में फैलता हैं उसी ढंग को ही “विकिरण” कहा जाता हैं। वैसे ध्यान रखने वाली बात ये भी हैं की, ऊर्जा के साथ-साथ “उष्णा/ताप” के वातावरण में फैलाव के प्रक्रिया को भी विकिरण (radiation) कहा जाता हैं।
लोगों को लगता हैं की, रेडिएशन ही खतरनाक है (radiation poisoning in hindi) और यह तरह का जहर ही है जो की सिर्फ इनसानों को मारता हैं। मित्रों! आपको जानकर हैरानी होगी की रेडिएशन की भारी मात्रा इनसानों को लिए जानलेवा (harmful radiation) है ना की खुद रेडिएशन (radiation)। इसलिए हमारे संसार में जितनी भी चीज़ें मौजूद हैं उन सब के ऊपर भी रेडिएशन का प्रभाव पड़ता हैं (effects of radiation) और प्रति दिन हमारे ऊपर भी प्राकृतिक रूप से बहुत ही कम मात्रा में ही सही परंतु रेडिएशन पड़ता ही पड़ता है।
सूर्य, मिट्टी, पत्थर और यहाँ तक की हम खुद रेडिएशन को उत्पन्न करते हैं और वायुमंडल में छोड़ते हैं। इसीलिए सिर्फ रेडिएशन घातक नहीं होता परंतु इसकी भारी मात्रा हमारे लिए घातक है। वैज्ञानिकों के अनुसार 2.5 Sv से 8Sv की रेडिएशन इंसान को पल भर में ही समाप्त करने में सक्षम है। हालांकि! इसके पीछे भी कई सारे कारक मौजूद हैं जो की इंसान को रेडिएशन से होने वाले खतरों के निर्धारण में इस्तेमाल किए जाते है। वैसे अत्यधिक मात्रा में रेडिएशन के संपर्क में आने से इंसानों को “Radiation Poisoning” भी हो सकता है।
आखिर कैसे रेडिएशन की भारी मात्रा इंसानों के लिए जानलेवा है? -Radiation Poisoning In Hindi :-
मैंने ऊपर ही आप लोगों को रेडिएशन पोइसोनिंग (Radiation Poisoning in hindi) के बारे में संक्षिप्त में बता दिया हैं। परंतु हम लोगों को इसके बारे में विस्तार में जानना ही हैं, ताकि आप लोगों को अंतरिक्ष में इसके घातक प्रभावों के बारे में (risks of radiation) पता चल सके।
तो, रेडिएशन (radiation) जो होता हैं वो अपने अंदर कई चार्जड और आइओनाइज्ड एटम (परमाणु) समेटे हुए होता है। जब ये आइओनाइइज्ड एटम इंसानी शरीर के ऊपर पड़ती हैं तब ये शरीर के D.N.A की संरचना को पूरे तरीके से अस्त-व्यस्त कर देती है। इससे शरीर के अंदर म्यूटेशन (Mutation) हो जाता हैं जिससे शरीर प्राकृतिक रूप से लाचार और अक्षम हो जाता है। विकीरित परमाणु शरीर में प्रवेश कर के कई सारे अनचाहे लक्षणों को (ionizing radiation health effects) प्रदर्शित करती है, जिसके बारे में आगे विस्तार से बात करेंगे।
वैसे अगर आप भारी मात्रा में रेडिएशन के संपर्क में आते हैं तो, आपके त्वचा के ऊपर लाल-लाल छाले और अन्य तरीके के गंभीर रेडिएशन जनीत लक्षणों को (high radiation) भी देखा जा सकता है। गौरतलब बात ये भी हैं की, अगर कोई इंसान क्षण भर के लिए सही परंतु एक बार अगर उच्च रेडिएशन के संपर्क में आ जाता हैं तो इस बात की पूरी-पूरी संभावना है की, आगे चल कर उसे रेडिएशन के कारण कई खतरनाक बीमारिओं का सामना करना पड़ सकता है।
अंतरिक्ष में उच्च रेडिएशन के संपर्क में आने से हो सकती है “Acute Radiation Syndrome” बीमारी :-
अकसर अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में मौजूद रेडिएशन से काफी ज्यादा खतरा रहता हैं क्योंकि उच्च रेडिएशन के संपर्क में आने से उन्हें “Acute Radiation Syndrome” जैसी बीमारी भी हो सकती है। तो सवाल उठता हैं की, ये बीमारी आखिर क्या है?
मित्रों! अगर कोई व्यक्ति सिर्फ कुछ समय के लिए ही सही परंतु उच्च रेडिएशन के संपर्क में आ जाता हैं तो, पहले उसे उल्टी आना चालू हो जाता हैं और बाद में तबीयत काफी जल्दी खराब भी हो जाता है। बाद में देखने को मिलता हैं की, कुछ ही हफ्तों के अंदर उस व्यक्ति का शरीर अपने-आप बंद पड़ जाती हैं और आखिर में उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। इसी बीमारी को ही “Acute Radiation Syndrome” कहा जाता हैं और ये अंदर ही अंदर शरीर को खोखला बना कर इंसानों को धीरे-धीरे मारता रहता हैं।
खैर और एक खास बात ये भी हैं की, इस बीमारी को “Radiation Sickness” के नाम से भी जाना जाता है। अगर किसी व्यक्ति को अंतरिक्ष में ही ये बीमारी हो जाता हैं तो उसका बच पाना लगभग असंभव है। हालांकि! इससे बचने के लिए भी अंतरिक्ष यात्री “स्पेस सूट” का इस्तेमाल करते है। अभी तक इंसान पृथ्वी से सिर्फ “चाँद” तक ही गया है। इसलिए वर्तमान के समय में हमारे लिए सबसे ज्यादा सूर्य से आनेवाली रेडिएशन की ही चिंता है, क्योंकि अंतरिक्ष में “सोलर विंड” के जरिये ही भारी रेडिएशन सूर्य के द्वारा आता है।
वैसे “Acute Radiation Syndrome” तभी होता हैं जब कोई इंसान 0.75 ग्रे (75 rad) मात्रा की रेडिएशन या इससे अधिक रेडिएशन के मात्रा के संपर्क में आता है। 75 rad मात्रा की रेडिएशन के संपर्क में आना यानी एक साथ अपने ऊपर 18,000 बार एक्स-रे करवाने के समान है।
रेडिएशन से हो सकता हैं कैंसर ! :-
आपने ऊपर रेडिएशन के जहरीले (radiation poisoning in hindi) प्रभावों के बारे में जान ही लिया हैं, जो की उच्च मात्रा की रेडिएशन के संपर्क में आने से होता हैं। परंतु क्या आपको पता हैं, कई बार कम मात्रा में ही सही परंतु रेडिएशन के संपर्क में ज्यादा देर तक रहने से भी कई घातक बीमारियाँ हो सकती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति सिर्फ एक बार के लिए सही पर 100 मिलिवर्ट्स या इससे भी कम के विकिरण के संपर्क में आता है तो उसे कैंसर के होने की बहुत ही ज्यादा संभावना बढ़ जाती है।
वैसे और एक विशेष बात ये भी हैं की, ये समस्या ज़्यादातर अमेरिका में देखा गया हैं। क्योंकि वहाँ के नागरिक अपने पूरे जीवन काल में लंबे समय तक विकीरित पदार्थों के संपर्क में आते ही रहते है। इसलिए लोगों को सुझाव दिया जाता हैं की, जितना हो सके विकीरित तरंगों से बचें। अगर मेँ अंतरिक्ष में मौजूद रेडिएशन (radiation) के बारे में बात करूँ तो, आपको पता चलेगा की अंतरिक्ष यात्रियों को भी कैंसर जैसे बीमारियों के होने का पहले ही अनुमान रहता हैं। इसलिए अंतरिक्ष में रहते समय वो लोग कई सारे ऐतिहातों को बरतते हैं।
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